पिरान कलियर : (फरमान मलिक) तालीम-ए-फातिमा एकेडमी से 33 छात्राओं ने मुबल्लिगा, आलिमा, कारिया और फाज़िला बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
आपको बता दे तालीम-ए-फातिमा एकेडमी बच्चियों की दीनी व असरी तालीम का मरकज़ है जो कलियर शरीफ में मखदूम-ए पाक के जेरे साया तालीम-ए-फातिमा एकेडमी बच्चियों की दीनी और असरी तालीम व तरबियत (अमीर हो या गरीब, यतीम ) सब बच्चियों को एक ही नज़र ओर एक ही अच्छे माहौल के साथ तालीमी ख़िदमात अंजाम दे रहा है।
इस एकेडमी में फिलहाल नाज़रा कुरआन शरीफ से लेकर क़ारिया, आलिमा और फाज़िला कोर्स तक की तालीम दी जाती है। साथ ही, बच्चियों को 8वीं कक्षा तक हिंदी और इंग्लिश की तालीम भी मुहैया कराई जाती है।
तालीम-ए-फातिमा एकेडमी में इस साल 33 छात्राओं ने मुबल्लिगा, आलिमा, कारिया और फाज़िला बनने का गौरव प्राप्त किया है और साथ ही आज सोमवार को एक अज़ीम जलसा मुनअकिद हुआ, जिसमें बतौर मेहमान-ए-ख़ास मौलाना डॉक्टर सैयद अशरफ हुसैन (शहर क़ाज़ी, देहरादून) और हज़रत मुफ्ती डॉक्टर शहरयार (पूर्णिया, बिहार) और कई उलेमा-ए-हअहले सुन्नत, व सीनियर टीचर्स , डॉक्टर – इंजीनियर तशरीफ लाए और बच्चियों को सर्टिफिकेट और इनाम से नवाजा़ गया।
एकेडमी के प्रबन्धक ने कहा हमारा उद्देश्य हमेशा से बेटियों को ऐसी तालीम देना रहा है, जो उन्हें न सिर्फ दीनी मसलों में निपुण बनाए, बल्कि दुनिया के सामने भी एक रौशन मिसाल के रूप में पेश करे। यह एकेडमी का उद्देश्य उन बच्चों को भी सफल बनाना है जो बच्चियां अपने घर के हालात से कमजोर और यतीम हो एकेडमी इन सब को साथ लेकर सब बच्चों को सफल और कामियाब बनाने की कोशिश करेगा और तालीम-ए-फातिमा एकेडमी आगे भी इस ज्ञान और रोशनी के सफर को जारी रखेगी, ताकि हर बेटी अपने जीवन में उजाले का दीपक जला सके।