“जमुई में फर्जी IPS अधिकारी को दारोगा ने किया अरेस्ट: वर्दी पहन कर जा रहा था 18 साल का युवक..
जमुई : (फरमान मलिक) बिहार के जमुई जिले में एक युवक से 2 लाख रूपए में पुलिस अधिकारी बनाने के नाम पर फ्रॉड हो गया। युवक को नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन वर्दी जरूर थमा दी गई। वो भी आईपीएस की। जिसे पहनकर युवक पहले अपने गांव में घूमा और फिर शहर में, ठग ने उसे एक नकली पिस्टल भी दी थी। शुक्रवार को सिकंदरा पुलिस ने फर्जी आईपीएस अफसर बन कर घूम रहे संदिग्ध युवक को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार युवक की पहचान लखीसराय जिला के हलसी थाना क्षेत्र के गोवर्धन बीघा गांव निवासी भगलू मांझी के 18 वर्षीय पुत्र मिथिलेश कुमार के रूप में हुई. पूछताछ के क्रम में मिथिलेश कुमार ने पुलिस को बताया कि कुछ महीनों पहले उसकी मुलाकात खैरा के मनोज सिंह से हुई थी.
मनोज सिंह ने उसे दो लाख में पुलिस अधिकारी बना देने का प्रलोभन दिया. पिछले महीने मिथिलेश ने मनोज सिंह को दो लाख रुपये भी दिये. मिथिलेश मांझी ने बताया कि पैसा लेने के बाद मनोज सिंह ने आज सुबह उसे खैरा बुलाया जहां एक सरकारी स्कूल में उसे आईपीएस की वर्दी दी.
खैरा से वर्दी पहन कर वह अपने घर गया और पूरे गांव में घूमा. उसके बाद वह वर्दी पहने बाइक से सिकंदरा पहुंच गया. सिकंदरा पहुंच कर वह जिला परिषद अध्यक्ष दुलारी देवी व पूर्व विधान परिषद प्रत्याशी गुड्डू यादव के आवास के बाहर मुख्य सड़क पर घूम रहा था. जहां से पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. पुलिस ने उसकी बाइक को जब्त कर लिया है.
पुलिस द्वारा की गई कड़ी पूछताछ में आईपीएस अधिकारी का रूप धारण किए युवक ने बताया कि खैरा के रहने वाले किसी मनोज सिंह ने उसे पुलिस अधिकारी की नौकरी दिलाने के नाम पर दो लाख रुपये लिए और उसके बाद उसे पुलिस की वर्दी दी है। उक्त मनोज सिंह ने उसे नकली पिस्टल भी दी।
फिलहाल पुलिस को जब मामला ठगी का प्रतीत हुआ तो महकमा पूरे मामले की तहकीकात में जुट गया। अभी तक आरोपी मनोज सिंह का कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस खैरा के मनोज सिंह की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस यह भी जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर मनोज सिंह कौन है, जिसने युवक के साथ ठगी कर फर्जी आईपीएस बनाने में अपनी भूमिका निभाई है।