• आर्टिकल-370, इलेक्टोरल बॉन्ड, केजरीवाल जैसे बड़े फैसले देने वाले जस्टिस संजीव खन्ना देश के 51वें चीफ जस्टिस बने

नई दिल्ली : जस्टिस संजीव खन्ना ने आज भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें सपथ दिलाई. उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया और अब उनका कार्यकाल सात महीने यानी, 13 मई 2025 तक रहेगा. जनवरी 2019 दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किए गए जस्टिस खन्ना ने अपने लंबे कार्यकाल में कई अहम फैसले सुनाए हैं. 

चंद्रचूड़ 10 नवंबर को 65 साल की उम्र में इस पद से रिटायर हुए. 14 मई 1960 को जन्मे जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की. दिल्ली हाई कोर्ट के जज नियुक्त होने से पहले वे तीसरी पीढ़ी के वकील थे. उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया.

जनवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति खन्ना कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जैसे EVM की पवित्रता को बनाए रखना, चुनावी बॉन्ड योजना को खत्म करना, अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना.

दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस देव राज खन्ना के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख पूर्व जज एच आर खन्ना के भतीजे हैं.

जस्टिस संजीव खन्ना, जिन्हें 18 जनवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था, हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त होने से पहले तीसरी पीढ़ी के वकील थे. वे लंबित मामलों को कम करने और न्याय वितरण में तेजी लाने के उत्साह से प्रेरित हैं.

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