सहारनपुर : (फरमान मलिक) नौकरी दिलाने के बहाने युवती को कलियर लाकर दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी फर्स्ट विकास की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में नानौता के छछरौली गांव निवासी इंतजार उर्फ बाबू को 10 साल की सजा सुनाई है। दोषी पर 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। दोषी ने रिश्ते की भांजी के साथ दुष्कर्म किया था। इसी बीच पीड़िता गर्भवती हो गई।
कोतवाली मंडी क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता की ओर से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था। आरोप लगाया कि उसकी बड़ी बहन की ससुराल पक्ष के इंतजार उर्फ बाबू का उनके घर पर आना-जाना लगा रहता था। इंतजार ने पीड़िता की मां को अपनी मुंह बोली बहन बना लिया।
इस तरह पीड़िता ने बताया कि वो आरोपी को मामा कहने लगी। एक दिन वह युवती को नौकरी दिलाने के बहाने अपने साथ चंडीगढ़ ले गया। बताया कि चंडीगढ़ से आरोपी उसे कलियर ले गया और रात में नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी मामू ने इस घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता डर गई और चुप रह गई। इसके बाद आरोपी ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। इसी बीच पीड़िता गर्भवती हो गई। पीड़िता के अनुसार आरोपी ने उसका गर्भपात करा दिया और उसके साथ मारपीट भी की।
जब इस पीड़िता पुलिस थाने पहुंची तो उसकी सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़िता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। अब इसी मामले में अदालत ने आरोपी को दोषी पाते हुए दस साल की सजा सुनाई है और 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया।